यादों के झरोखे से लेखनी कहानी मेरी डायरी-14-Nov-2022 भाग 10
18 फरवरी २०२२
आज होली का फाग का दिन है। आज होली वाले दिन हमारे घर कुछ पूजा होती है। मैने भी अपने घर पूजा की और इसके बाद होली का फाग खेलने की तैयारी करली ।
मै अपने दोस्तो के साथ होली खेलने लगा हम सब बहुत देर तक होली बहुत उत्साह के साथ खेलते रहे। होली खेलते हुए हम सभी साथी अपने पुराने साथियों से मिलने उनके घर गया।
पिछली बर्ष हमारे एक साथी की माँ स्वर्ग सिधार गयी थी हम सभी उनके घर भी गये। क्योकि होली हमरा सबसे बडा़ त्योहार माना जाता है । हम सब इस त्यों हार पर ऐसे समय में उनके घर जाकर शोक प्रकट करके आते है।
शाम को श्री गौरीशंकर मन्दिर में भजन संध्या का प्रोग्राम था वहाँ जाकर भजनौ का आनन्द लिया। वहाँ पर फूलौ की होली भी खेली गयी थी।
वहाँ यह प्रोग्राम बहुत देर तक चलता रहा था। वहाँ पर बहुत से पुरुष व महिलाए अपने अपने भजन प्रस्तुत कर रही थी। सभी लोग पुष्पौ की बर्षा भी कर रहे थे। भजन संध्या जिस मन्दिर पर हो रही थी उस मन्दिर के पुजारी जी पहले हमारे पडौ़स में स्थित इच्छापुरी महादेव मन्दिर में ही पूजा करते थे।
श्री शेखर मिश्रा उनका नाम है। इसके बाद सभी के सहयोग से उन्होने इस गौरीशंकर मन्दिर का निर्माण करवाया था। और वह इच्छापुरी महादेव मन्दिर को छोड़कर इसी मन्दिर में आगये। उनका परिवार भी इसी मन्दिर के ऊपर बने कमरौ में रहने लगा। गौरीशंकर मन्दिर बहुत ही सुन्दर बना हुआ है यह मन्दिर बहुत ही कम जगह में होते हुए भी फतेहाबाद का सुन्दर व प्रसिद्ध मन्दिर की गिनती में आता है।
मै जब भी फतेहाबाद जाता हूँ तब इस मन्दिर में भी जाने की कोशिश अवस्य करता हूँ।
भजन संध्या के बाद मै अपने घर बापिस आगया।
आगे की डायरी अगले भाग में।
यादों के झरोखे से २०२२
नरेश शर्मा " पचौरी "
Radhika
09-Mar-2023 12:58 PM
Nice
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shweta soni
03-Mar-2023 10:18 PM
👌👌👌
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अदिति झा
03-Mar-2023 02:36 PM
Nice 👍🏼
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